Female Reprduction System : Organs , Functions (महिला प्रजनन तंत्र: अंग, कार्य) For All Competition Exam Biology Notes In Hindi

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मादा जनन तंत्र (Female Reproductive System)

परिचय:-

➣ मानव प्रजनन तंत्र दो भागों में विभाजित होता है – पुरुष और महिला प्रजनन तंत्र। महिला प्रजनन तंत्र का प्रमुख कार्य, अंडाणु (Ova) का निर्माण, निषेचन (Fertilization), गर्भधारण (Pregnancy) और भ्रूण का विकास (Foetal Development) है। यह तंत्र मुख्यतः श्रोणि (Pelvic) क्षेत्र में स्थित होता है।

 महिला प्रजनन तंत्र मुख्य अंग (Major Organs of Female Reproductive System)

1. एक जोड़ा अंडाशय - प्राथमिक लैंगिक अंग 
2. फैलोपियन नलिका
3. जनन ग्रंथिया 
4. बाह्य जननांग 

1. अंडाशय

➣ उत्पत्ति - मिसोडर्म से

कार्य – अंडाणु (Ova) का निर्माण एवं हार्मोन (Estrogen, Progesterone) का स्रवण।

➣ अंडाशय उदरिये गुहा में विकसित एवं उपस्थित होते है |

➣ अंडाशय की मैट्रिक्स स्ट्रोमा कहलाता है | 

➣ अंडाशय उदरिये गुहा की भित्ति से अण्डयोजिनि के द्वारा जुडी होती है |


(Diagram of Female Reproductive System)


2. फैलोपियन नलिका (Fallopian Tube)

➣  लंबाई – लगभग 10–12 सेमी.
 ➣   भाग – इन्फंडिबुलम, ऐम्पुला, इस्थमस और इंटरस्टिशियल भाग।

 

  कार्य – अंडाणु को गर्भाशय तक पहुँचाना; निषेचन सामान्यतः ऐम्पुला में होता है।

➣ गर्भाशय तथा योनि मिलकर स्त्री की सहायक नलिकाएं बनाती है | 

  • गर्भाशय

➣ गर्भाशय केवल एक होता है| 

➣ इसे बच्चेदानी या वुम्ब भी कहते है|  

➣ गर्भाशय का आकार उल्टी नाशपाती जैसा होता है | 

➣ गर्भाशय एक पतली ग्रीवा द्वारा योनि में खुलता है , जिसे ग्रीवा नाल(Cervical Canal) कहते है | 

➣ ग्रीवा नाल व योनी मिलकर जन्म नाल(Birth Nal) का निर्माण करती है | 

➣गर्भाशय की भित्ति में उत्तको की तीन परत पाई जाती है -

 परतें –

     1. एंडोमेट्रियम (Endo-metrium):आंतरिक परत, जिसमें भ्रूण का आरोपण होता है।

    2. मायोमेट्रियम (Myo-metrium): पेशीय परत।

    3. पेरिमेट्रियम (Peri-metrium): बाहरी परत।

   कार्य – भ्रूण का विकास व पोषण।


  • गर्भाशय ग्रीवा (Cervix):


 ➣ गर्भाशय और योनि को जोड़ने वाला संकरा भाग।
 ➣प्रसव के समय इसका फैलाव महत्वपूर्ण।

  • योनि (Vagina):


  ➣लंबाई – लगभग 7–9 सेमी
  ➣कार्य – संभोग अंग, प्रसव मार्ग और मासिक स्राव का निकास।


3. मादा जनन ग्रंथिया(Female Reproductive Glands) :- 

➣ये vestibular glands कहलाती है | 


1. bartholin gland 

➣ये grater vestiblar gland होती है | 
स्थान :- योनि छिद्र के दोनों और 
➣ bulbo urethral gland के समजातिये 
कार्य :- योनि स्नेहन करना 

2. skene gland 

➣ये lesser vestibular gland है | 
स्थान :- मूत्र मार्ग के नीचे की और 
➣ prostate gland के समजात


4. बाह्य जननांग (External Genitalia / Vulva)


➣मॉन्स प्यूबिस (Mons pubis) – जघनास्थि (Pubic bone) पर वसा युक्त उभार।
➣लेबिया मेजोरा (Labia majora)– त्वचा की बाहरी परत जो अंदरूनी अंगों की रक्षा करती है।
➣लेबिया मिनोरा (Labia minora)– भीतरी त्वचीय परत जो मूत्रमार्ग और योनि को घेरती है।
➣क्लिटोरिस (Clitoris)– अत्यधिक संवेदनशील अंग, यौन उत्तेजना में भूमिका।
➣योनि द्वार (Vaginal orifice) – योनि का प्रवेश द्वार।

  • हार्मोन और उनके कार्य (Hormones and Functions)


एस्ट्रोजन (Estrogen):

 ➣ द्वितीयक यौन लक्षणों का विकास (स्तन वृद्धि, मासिक चक्र का नियंत्रण)।

प्रोजेस्टेरोन (Progesterone):

➣ इसे प्रग्नेन्सी हॉर्मोन कहते है | 
 ➣ गर्भाशय को गर्भधारण हेतु तैयार करना।

फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (FSH):

 ➣ अंडाणु परिपक्वता।

ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH):

 ➣ अंडोत्सर्जन (Ovulation) को प्रेरित करता है।

  • मासिक धर्म चक्र (Menstrual Cycle)

 प्रारंभ :- किशोरावस्था(Puberty) आने पर 
 प्रथम मासिक धर्म चक्र रजोदर्शन (Menarche)
 समापन :- लगभग 45 -55 वर्ष की आयु में 
 अन्तिम मासिक धर्म चक्र रजोनिवृति (Menopause)


 ➣ औसत अवधि – 28 -29 दिन

चरण(Steps) 


  1. मासिक धर्म चरण (Menstrual Phase) – (1–5 दिन) रक्तस्राव।
  2. फॉलिक्युलर चरण (Follicular Phase) – (6–13 दिन) अंडाणु परिपक्व।
  3. अंडोत्सर्जन (Ovulation Phase) – (14वाँ दिन) अंडाणु मुक्त।
  4. ल्यूटियल चरण (Luteal Phase)– (15–28 दिन) गर्भाशय गर्भधारण हेतु तैयार।


  • निषेचन 

➣अण्डाणु व शुक्राणु के मिलने की क्रिया निषेचन कहलाती है | 
➣निषेचन की क्रिया Fallopian नलिका के Ampulla भाग में होती है | 
➣निषेचन होने पर Zygot (युग्मनज) का निर्माण होता है | 

  • स्वास्थ्य संबंधी प्रमुख रोग (Important Disorders)


1. PCOS (Polycystic Ovary Syndrome)– हार्मोन असंतुलन से अंडाशय में सिस्ट।

2. एंडोमेट्रियोसिस– गर्भाशय की आंतरिक परत बाहर की ओर बढ़ना।

3. गर्भाशय कैंसर / गर्भाशय ग्रीवा कैंसर – HPV वायरस से संबंधित।

4. योनि संक्रमण (Vaginal infections) – बैक्टीरिया/फंगल कारणों से।



Note :- वे हॉर्मोन जो महिलाओ में केवल गर्भावस्था में स्त्रावित होते है -

➣HCG - ह्यूमन कोरयोनिक गोनेडोट्रोपीन 
➣HPL /HCS - ह्यूमन प्लेसेंटल लेक्टोजेन / ह्यूमन कोरयोनिक सोमेटोट्रोपीन 
➣Relaxin - गर्भाशय की मायोमेट्रियम में संकुचन को रोकना | 


कोशिका  पढ़े -https://www.iedunews24.com/2025/08/biology-cell-details-notes-in-hindi-for.html

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