जनन क्या है ?
➤परिभाषा :-
जनन सजीवों की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमे प्रत्येक जीव अपने ही समान संतान उत्पन्न करते है |
1. लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)
2. अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)
1.लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) :-
➣ वह जनन जिसमे नर तथा मादा युग्मक का सल्यन होता लैंगिक जनन कहलाता है |
उदाहरण :- मनुष्य, पुष्पीय पादप etc
➣मनुष्यो में लैंगिक जनन
1. नर जनन अंग (Mail Reproductive Organ)
(A) एक जोड़ा वृषण(Testes)
(B) सहायक जनन नलिकाएं (Reproductive Tubules)
(C) जनन ग्रंथिया (Reproductive Glands)
(D) बाह्य जननांग (External Genitals)
(A) वृषण (Testes):-
➣उत्पत्ति :- मिसोडर्म से
➣वृषण का विकाश उदर हुआ में होता है |
➣ये उदर गुहा के बाहर व नीचे की और होते है |
➣वृषण , वृषणकोश में पाये जाते है |
➣वृषणकोश का तापमान शरीर के तापमान से 2 - 3 डिग्री कम होता है |
(क्योकि यह शुक्राणु जनन के लिए आवश्यक होता है)
➣गर्भकाल के 7 वे महीने में वृषण Inguinal Canal से होते हुए वृषणकोश में स्थानांतरित हो जाते है |
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(Mail Reproductive Organ) |
(B) सहायक जनन नलिकाएं (Reproductive Tubules)
➣इसमें नर जनन तंत्र की निम्न संरचनाये आती है |
➣वृषण जालिकाये(Rete-testes)
➣शुक्र वाहिकाएं(Vasa-efferentia)
➣शुक्र वाहक(Epididymis)
➤शुक्र वाहक(Epididymis) के कार्य :-
➣ शुक्राणु को गतिशीलता प्रदान करना |
➣अस्थाई रूप से शुक्राणु का संग्रहण करना |
(C) जनन ग्रंथिया (Reproductive Glands)
(a) मनुष्य शरीर में तीन जोड़ी जनन ग्रंथिया पायी जाती है
(b) एक जोड़ी सुक्राशय
(c) एक प्रोस्टेट ग्रंथी
(d) एक जोड़ी बल्बोयूरेथ्रल ग्रंथि या काऊपर्स ग्रंथि
Note:- ये तीनो ग्रंथिया seminal plasma का स्त्रावण करती है |
(D) बाह्य जननांग (External Genitals)
➣पुरुष का बाहय जननांग शिशन (Penis) है |
➣यह विशेष प्रकार के उत्तको का बना होता है , जो इसके उठान(Erection) सहायता प्रदान कर वीर्येसेचन (Incemination) को सुगम बनाता है |
वीर्ये (Semen)
➣जनन ग्रंथियों से स्त्रावित Seminal Plasma व शुक्राणु का मिश्रण होता है |
➣वीर्ये की PH = 7.2 - 7.4
➣प्रति स्खलन = 200 - 300 million शुक्राणु
➣प्रति स्खलन= 2 - 4 ml वीर्ये निकलता है |
Note:-जनन सक्षम होने के लिए कम से कम 60% शुक्राणु का आकार सामान्य एवं 40% गतिशील होने चाहिए |
➣यह क्रिया वृषण में शुक्रजनन नलिकाओं के भीतर होती है |
➣यह क्रिया लैंगिक परिपक्वता आने पर प्रारंभ होती है |
➣यह क्रिया नर जनन कोशिकाओं से प्रारंभ होती है |
➣शुक्राणु में एक सिर , एक मध्य भाग एवं एक पूछ होती है |
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(Digra of Human Sperm) |
1. सिर (Head)
कार्य :- DNA + Acrosome (एंजाइम होते हैं, जो शुक्राणु को अंडाणु में प्रवेश में मदद करते हैं)
2. मध्य भाग (Middle piece)
➣ माइटोकॉन्ड्रिया कार्य:- ऊर्जा उत्पादन |
3. पूँछ (Tail)
कार्य:- गतिशीलता (Movement) प्रदान करती है |
- कुछ महत्त्वपूर्ण सब्दावली
1. स्पर्मिएशन
➣सुक्राणुओ का सर्टोली कोशिका से केन्द्रीय गुहा की और स्थांतरण
2. ऑर्कियोडेक्टॉमी
➣शल्य क्रिया द्वारा वृषण को हटाना
3. नर बंध्यता (castration)
➣वृषण को नस्ट करना
➣जिससे नर हार्मोन की कमी हो जाती है |
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