कोशिका क्या है ?
- सभी जीव धारी कोशिका से बने होते है | इनमे से कुछ जीव एक कोशिका से बने होते है जिन्हे एक कौशिक जीव कहते है , जबकि दुसरे, हमारे जैसे अनेक कोशिकाओं से मिलकर बने होते है बहुकौशिक जीव कहलाते है |
- कोशिका सजीवों की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई है, प्रत्येक सजीव कोशिका से मिलकर बने होते है, कोशिका के बिना किसी भी जीव का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता है |
- कोशिका के बिना किसी जीव का जीवन संभव नहीं है |
- कोशिका को जीवन की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई कहते है |
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(plant cell ) |
कोशिका की खोज (Discovery of Cell)
- 1665-रोबर्ट हुक (Robert Hooke)
➣ सर्व प्रथम रोबर्ट हुक ने पादपों के कॉर्क भाग को अपने बनाये शुक्ष्मदर्शी से देखा | इसमें मधुमक्खी के
छत्ते सामान संरचना दिखी |
➣ इन्हे cellula (लैटिन शब्द , अर्थ - छोटा कमरा ) नाम दिया |
➣ इनके द्वारा खोजी गई कोशिका मृत अथवा कॉर्क कोशिका थी |
- 1674 - एंटोनी वॉन लूवेन्हॉक (Antonie van Leeuwenhoek)
➣ इन्होने पहली बार जीवित कोशिका को देखा एवं उसका वर्णन किया |
- 1831 - रोबर्ट ब्राउन (Robert Brown)
➣कोशिका में केन्द्रक की खोज की |
- 1839 - जे.ई. पुरकिंजे (J.E. Purkinje)
➣ कोशिका के अंदर के तरल को जीवद्रव्य (protoplasm) नाम दिया |
कोशिका सिद्धांत( cell Theory)
- 1838 - मैथियस स्लाइडेन (Matthias Schleiden) - जर्मनी के वनस्पति वैज्ञानिक
➣ इन्होने पादपों पर अध्ययन कर पाया की पादप विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बने होते है, जो पादपों में उत्तको का निर्माण करती है |
- 1839 - थियोडोर स्वान (Theodor Schwann) - ब्रिटिश प्राणी वैज्ञानिक
➣ इन्होने विभिन्न जन्तु कोशिकाओं पर अध्ययन कर पाया की कोशिकाओं के बाहर जीवद्रव्य झिल्ली पाई जाती है |
➣ जबकि पादप कोशिकाओं के बाहर कोशिका भित्ती पाई जाती है |
- इस आधार पर स्वान ने अपनी परिकल्पना रखते हुए बताया की प्राणियों और वनस्पतियो का शरीर कोशिकाओं और उनके उत्पाद से मिलकर बना होता है |
- सयुक्त रूप से स्लिडेन व स्वान ने कोशिका सिद्दांत प्रस्तुत किया -
➣ इनके अनुशार प्रत्येक सजीव कोशिका व उसके उत्पाद से मिलकर बने होते है |
लेकिन यह सिद्दांत यह नहीं बता पाया की नई कोशिकाओं का निर्माण कहा से होता है |
कोशिका सिद्दांत का संसोधन
- 1855 - रैंडोल्फ बिर्चौ (Rudolf Virchow)
➣ सर्वप्रथम बताया की कोशिका विभाजन करती है |
सभी नई कोशिकाओं का निर्माण पुरानी कोशिकाओं में विभाजन से होता है |"(ओमनिस सैलुल-इ सैल्लुला )
1940 में इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी की खोज के बाद कोशिका की जटिल संरचना को समझना संभव हुआ |
कोशिका की संख्या (No of Cell)
➣कोशिका की संख्या के आधार पर जीवो को सामान्यत दो भागो में बता गया है -
1. एक कोशिकीय जीव (Unicellular Organism)
➣वे जीव जो केवल एक ही कोशिका से बने होते है |
जैसे - अमीबा , क्लेमिडोमोनास , पैरामीशियम , जीवाणु आदि
Note:- ऐसीटाबुलेरिया - सबसे बड़ी एक कोशिकीय शैवाल है |
2. बहुकोशिक जीव (Multicellular Organism)
➣वे जीव जो एक से अधिक कोशिकाओं से मिलकर बने होते है |
जैसे - फंजाई (कवक), पादप , जंतु आदि
कोशिका का माप व आकार (Size and shape of Cell)
- माप (Size)
➤कोशिकाएं माप, आकार व कार्य की दृस्टि से काफी अलग होती है |
➤सबसे छोटी कोशिका - माइकोप्लाज्मा [PPLO - प्लूरो निमोनिआ सम जीव, लम्बाई 0.3 µm ]
➤प्रथक की गई सबसे बड़ी कोशिका - शुतरमुर्ग का अण्डा (size 170mm - 130mm)
➤सबसे लम्बी कोशिका - तंत्रिका कोशिका
➤बैक्टीरिया (जीवाणु) = 3 से 5 µm
➤मनुष्य की लाल रक्त कोशिका = व्यास लगभग 7.0 µm
- आकर (Shape) - कोशिकाओं का आकार उनके कार्य के अनुसार भिन्न होता है |
➤गोल व अवतली - लाल रक्त कोशिका
➤अमीबाकृती - स्वेत रक्त कोशिका
➤लम्बी व शंकरी - स्तम्भाकार उपकला कोशिका
➤शकित व लम्बी - तंत्रिका कोशिका
➤गोलाकार - मेसोफिल कोशिका
कोशिका के प्रकार (Types of Cell) - कोशिकाएं सामन्यत दो प्रकार की होतो है |
1. प्रोकैरियॉटिक कोशिकाएं
➤ इनमे झिल्ली रहित केन्द्रक व कोशिकांग पाए जाते है |
➤ ये बहुत छोटी व तीव्र विभाजन करने वाली कोशिकाएं होती है |
जैसे: - जीवाणु , नीलहरित शैवाल , माइकोप्लाज्मा आदि
2. यूकैरियॉटिक कोशिकाएं
➤ इनमे झिल्ली युक्त केन्द्रक व झिल्ली युक्त कोशिकांग पाये जाते है |
जैसे: - पादप , प्राणी ,व कवक यूकैरियॉटिक कोशिकाएं होती है |
Note :- सभी यूकैरियॉटिक कोशिका में झिल्ली रहित कोशिकांग राइबोसोम पाया जाता है |
➤ सभी जंतु कोशिकाओं में झिल्ली रहित कोशिकांग तारककाय (सेंट्रोसोम) पाया जाता है |
कोशिका किससे बनी होती है ? कोशिका का संरचनात्मक संगठन क्या है ?
- कोशिका में विशिष्ट एवं संरचनात्मक घटक होते है , जिन्हें कोशिकांग कहते है |
➤कोशिका भित्ति (Cell Wall)
➣ खोजकर्ता :- रोबर्ट हुक (Robert Hook)
➣ पादप , शैवाल , कवक ,जीवाणु आदि की जीवद्रव्य झिल्ली के चारो और कठोर एवं निर्जीव आवरण पाया जाता है, जिसे कोशिका भित्ति कहते है |
➣ पादपों की कोशिका भित्ति सेलूलो,हेमिसेलुलोज,पेक्टिन व प्रोटीन (मुख्य घटक सेलूलोज़) से बनी होती है |
➣ शैवाल की कोशिका भित्ति सेलूलोज़ , ग्लैक्टोज़ , मैनाँस व खनिज से बनी होती है |
➣ जीवाणु की कोशिका भित्ति पेप्टिडोग्लीकेन से बनी होती है |
➣ फंजाई की कोशिका भित्ति काइटिन तथा पॉलीसैकेराइड की बानी होती है |
➣ डाइनोफ्लैजेलेट्स के बाहरी सतह पर सेलूलोज़ की पट्टिकाएं पायी जाती है |
Note :- जीवाणु को पादपों में सम्मिलित करते है , क्योकि उसमे कोशिका भित्ति पाई जाती है |
मध्य पटलिका (Middle Lamella)
➣ Ca व Mg पैक्टेट (Plant Cement) से बानी होती है |
➣ कार्य :- पादप की दो कोशिकाओं को जोड़कर रखना |
प्लास्मोडेसमाटा(Plasmodesmata)
➣ शब्द :- स्ट्रास्बर्गेर ने दिया |
➣ कार्य :- दो निकटस्थ कोशिकाओं के मध्य कोशिकाद्रव्य की निरन्तरता को बनाये रखना |
1970 - मार्टिनेज एवं पाल्मो (Martinez and Palamo)
➣ इन्होने जन्तु कोशिका में Cell Coat को खोजा जिसे Glycocalyx कहते है |
Glycocalyx का संघठन :- यह salic acid , mucin व Hyaluronic Acid से बना होता है |
Note :- Hyaaluronic Acid को जन्तु सीमेंट कहते है |
➤कोशिका झिल्लियाँ या झिल्लियाँ(BIOMEMBRANE OR CELL MEMBRANES)
सभी सजीवों की कोशिकाएं एक पतली , प्रत्यास्थ , चयनात्मक अर्धपारगम्य, एवं जीवित परिधि से परिबद्ध रहती है , जिसे cell membrane या plasmalemma , या biomembrane , या plasma membrane खा गया |
शब्द :- Cellmembrane - Nageli & Kramer ने दिया |
:- Plasmalemma - J.Q.Plower ने दिया |
:- Unit-Membrane - Robertson ने दिया |
➤ कोशिका झिल्ली का रासानिक संघठन
➣ मनुष्यो की लाल रक्त कोशिका की झिल्ली में (यूकैरियॉटिक कोशिका ) -
➣प्रोटीन लगभग 52%
➣वसा लगभग 40 %
➣कार्बोहाइड्रेट्स 8 %
➤प्रोकैरियॉटिक कोशिका की झिल्ली में -
➣लिपिड = 40%
➣प्रोटीन =58 -59%
➣कार्बोहइड्रेट =1 -2%
➤कोशिका झिल्ली के मॉडल
➣Sandwitch या Trilamellar मॉडल :- Davson व Danielli (1935) द्वारा प्रस्तावित
⭃इस मॉडल से यह पता चलता है की कोशिका झिल्ली तीन स्तरों से बानी होती है |
⭃इसके अनुशार कोशिका झिल्ली की औसत मोटाई 75 - 100 Å
(प्रत्येक प्रोटीन स्तर 20 Å एवं प्रत्येक फोस्फोलिपिड द्विपरत 35 Å)
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(Thickness of Cell membrane) |
➣इकाई कला / झिल्ली प्रारूप (Unit Membrane) मॉडल :- 1959 में Robertson द्वारा प्रस्तावित |
➣तरल मोजेक मॉडल (Fluid mosaic model)
⭃1972 में यह मॉडल सिंगर व निकोलसन द्वारा प्रास्तिवत किया गया |
⭃यह कोशिका झिल्ली का नवीनतम एवं सर्वाधिक मान्य मॉडल है |
Q. यह मॉडल सर्वाधिक मान्य क्यों है?
Ans. क्योकि यह कोशिका झिल्ली की तरलिये प्रकृति को समझाता है |
➣कोशिका झिल्ली के इस मॉडल को गुलाब जामुन मॉडल भी कहते है |
➤कोशिका द्रव्य(Cytoplasm)
➣Cytoplasm शब्द Strasburger ने दिया |
➣Cytoplasm केन्द्रक व कोशिका झिल्ली के मध्य का तरल भाग होता है |
➣Cytoplasm को दो भागो में विभक्त किया जा सकता है -
A. Cytol / Ground plasm / Hyaloplam ➞ यह Cytoplasm का तरल मैट्रिक्स या बिना कोशिकांगो का भाग होता है |
B. Trophoplasm ➞ Cytoplasm के इस भाग में कोशिकांग व अजैविक पदार्थ उपस्थित होते है |
कोशिकांग (CELL ORGANS)
➣Cytoplasm की स्थाई व उपापचयी सक्रिय एवं जीवित संरचना को कोशिकांग कहते है |
1. राइबोसोम(RIBOSOMES)
➣खोज :- जॉर्ज पैलेड ने 1953 में की |
➣इसे कोशिका का इंजन कहते है |
➣यह राइबोन्यूक्लिक अम्ल व प्रोटीन से मिलकर बने होते है |
➣यह सबसे छोटा कोशिकांग होता है |
➣यह झिल्ली रहित या नग्न कोशिकांग होता है |
➣राइबोसोम को कोशिका के अंदर कोशिकांग भी कहते है |
कार्य :- प्रोटीन का संस्लेशण करना |
➣अत: इसे कोशिका में प्रोटीन फैक्ट्री कहते है |
राइबोसोम के प्रकार
1. यूकैरियॉटिक राइबोसोम :- 80 s - यूकैरियॉटिक कोशिका के कोशिका द्रव्य में होता है |
2. प्रोकैरियॉटिक राइबोसोम:- 70 s - ये प्रोकैरियॉटिक के कोशिका द्रव्य में होने के साथ - साथ जीवद्रव्य झिल्ली में भी जुड़े होते है |
➣ s = svedberg इकाई या Sedmentation दर | यह अपरोक्ष रूप से आकार व घनत्व को व्यक्त करता है |
➤ प्रत्येक राइबोसोम की दो उपइकाईया होती है -
➣ 80 s = 60 s + 40 s
➣ 70 s = 50 s + 30 s
➤ प्रोटीन संस्लेशण के दौरान राइबोसोम की उपइकाईया r-RNA से Mg आयन की सहायता से जुड़ती है |
➤ पालीराइबोसोम या पालीसोम या Ergosome :- प्रोटीन संस्लेशण के दौरान कुछ राइबोसोम छोटी उपइकाई m-RNA के साथ जुड़ जाती है , जिसे पोलीसोम कहते है |
2. अन्तद्रव्यी जालिका (ER)
➣खोजकर्ता:- पोर्टर (1945)
➣इसे कोशिका का अंत: कंकाल कहते है |
➣अन्तद्रव्यी जालिका दो प्रकार की होती है -
1. खुरदरी अन्तद्रव्यी जालिका(RER)
➣इसकी सतह पर राइबोसोम पाये जाते है , जिसके कारण यह खुरदरी दिखाई देती है |
➣ इसकी सतह पर राइबोसोम पॉरफाईरिन प्रोटीन की सहयता से जुड़े होते है |
➣कार्य :- प्रोटीन का संस्लेशण करना |
2. चिकनी अन्तद्रव्यी जालिका(SER)
➣इसकी सतह पर राइबोसोम नहीं पाये जाते |
➣कार्य :- वसा का संस्लेशण करना
:- स्टीरोइड हार्मोन्स का संस्लेशण करना
:- निरावीसीकरण करना
3. गोल्जिकाय(Golgi Body)
➣खोजकर्ता:- कैमिलो गोल्जी(1898)
➣आकार/व्यास :- 0.5 - 1.0 µm
➣इसे कोशिका का यातायात प्रबन्धक कहते है |
➣यह कोशिका का मुख्य संश्लेषी कोशिकांग है |
➣कार्य:-द्रव्य की पैकिंग कर अंतर कोशिकीय लक्ष्य तक पहुँचाना |
:-यह लिपिड को ग्लाइकोलिपिड व प्रोटीन को ग्लाइकोप्रोटीन में बदलता है |
:-यह कोशिका भित्ति पदार्थो का संस्लेशण करता है |
:-शुक्रजनन के समय एक्रोसोम का निर्माण करता है |
:-गॉल्जीकाय द्वारा अण्डे की पीतक झिल्ली का स्त्रावण होता है |
:-अन्त: स्त्रावी ग्रंथियों द्वारा हॉर्मोन का स्त्रावण गॉल्जीकाय द्वारा होता है |
4. लयनकाय (लाइसोसोम)
खोजकर्ता :- De Duve (1950) ने की |
संरचना :-गोलाकार बैग के समान (.1 -. 8µm)→एकल झिल्ली से आवरित
➣लाइसोसोम का निर्माण →यह गोल्जीकाय एवं एन्डोप्लाज्मिक रेटिकुलम का सामूहिक कार्य है |
➣इसमें जल अपघटनी एंजाइम पाये जाते है | (जैसे-हाइड्रोलेजेज , लाइपेसेज, प्रोटोऐसेज, कार्बोहाइड्रेजेज )
➣ये एंजाइम अम्लीय (pH =5) माध्यम में सर्वाधिक सक्रिय होते है |
➣मनुष्यो की RBC में लाइसोसोम अनुपस्थित होता है |
➣WBC(phagocyte) में सर्वाधिक लाइसोसोम पाया जाता है |
➣इसे कोशिका की आत्मघाती थैली (suicidal bag of cell) कहते है |
Note :-1. पादप कोशिकाओं में बड़ी केन्द्रीय रिक्तिका लाइसोसोम के सामान कार्य करती है |
:-2. Periplasmic Space :-जीवाणु में कोशिका भित्ति एवं कोशिका झिल्ली के बीच का स्थान(Periplasmic Space) लाइसोसोम के समान कार्य करता है |
कार्य (Function) :-
1. Hetrophagy :- कोशिका में पिनोसाइटोसिस व फेगोसाइटोसिस द्वारा आये पदार्थो का पाचन करना |
2. Autophagy :- पुराने व मृत कोशिकांगो का पाचन करना, (यह लम्बी भूख के समय भी कोशिकाओं में देखी जाती है)
3. इसके द्वारा पुरानी कोशिकाएं,भ्रूण के अनावश्यक अंग Autolysis से हटा दिए जाते है |
जैसे:- लाइसोसोम का कैथेप्सिन एंजाइम मेंढक के टेडपोल की पूछ का पाचन कर देता है | (कायान्तरण के दौरान)
5. रसधानी(VACOULE)
खोजकर्ता :- अन्टोनी वान लेवन्हुक(1676 )
➣यह पादप कोशिका के लगभग 90% स्थान को घेरती है |
➣रसधानी एकल झिल्ली से घिरी होती है , जिसे टोनोप्लास्ट कहते है |
➣जन्तु कोशिकाओं में रसधानी छोटी या अनुपस्थित होती है |
➣पादप कोशिकाओं में रसधानी बड़ी व विकसित होती है |
कार्य (FUNCTION):-
➣कोशिका को स्फीति व कठोरता प्रदान करना |
➣पादपों के लिए अमीनो अम्ल , शर्करा , कार्बनिक अम्ल , एवं प्रोटीन का
संग्रहण करता है |
➣पादप कोशिका की परासरणता को बनाये रखने में |
Note :- 1. संकुचनशील रसधानी :- अमीबा में उत्सर्जन में सहायक होती है |
2. खाद्य रसधानी :- आद्यजीवो(प्रॉटिस्टा) में भोजन को निगलने में सहायक होती है |
(आगे पढ़े लवक, माइटोकांड्रिया , केन्द्रक , गुणसूत्र की संरचना एवं कार्य Part - 2)
1 टिप्पणियाँ
परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण कंटेंट
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