Human Skeleton in Hindi – कंकाल तंत्र की परिभाषा, प्रकार, हड्डियों के नाम और उनके कार्य

 कंकाल तंत्र की परिभाषा

  • कंकाल तंत्र को हड्डियों (Bones) और उपास्थियों (Cartilages) का ढांचा कहा जा सकता है, जो शरीर को आकार, मजबूती और सहारा प्रदान करता है।

जीवो में दो प्रकार के कंकाल होते है 

(a) बहि: कंकाल (Exo skeleton)

  •  यह अधिचर्म से बनता है | 
  • इसकी उत्पत्ति Ectodermal कोशिकाओं से होती है 
  • उदहारण :- बाल , नाख़ून , कूबड़ , सींग , पंख etc 


(b) अंत : कंकाल (Endoskeleton)

  • यह शरीर के अंदर होता है | 
  • इसकी उत्पति Mesodermal कोशिकाओं से होती है 

  • मानव कंकाल (Human Skeleton)


1. हड्डियों की कुल संख्या – एक वयस्क मनुष्य में 206 हड्डियाँ होती हैं।

2. जन्म के समय हड्डियाँ – नवजात शिशु में लगभग 270 हड्डियाँ होती हैं, जो बढ़ते समय आपस में जुड़कर संख्या में कम हो जाती हैं।

3. मुख्य विभाजन

   अक्षीय कंकाल (Axial Skeleton) – 80 हड्डियाँ (खोपड़ी, रीढ़ की हड्डी, पसलियाँ, उरोस्थि)।

   अनुबंधीय कंकाल (Appendicular Skeleton) – 126 हड्डियाँ (हाथ-पाँव, कंधा, श्रोणि)।


मुख्य अंग व हड्डियाँ


1. खोपड़ी (Skull)

  • कपाल में हड्डियों की संख्या - 8 
  • चेहरे में हड्डियों  की संख्या - 14 
  • कान में हड्डियों की संख्या - 3 +3 = 6 
  • हायोड हड्डी की संख्या - 1 


  • कुल 22 हड्डियाँ – जिनमें से 8 मस्तिष्क को ढकती हैं और 14 चेहरे की संरचना बनाती हैं।
  • निचला जबड़ा (Mandible) – एकमात्र चलायमान खोपड़ी की हड्डी।

2. कान की अस्थि

  • संख्या 3 (मेलियस, इनकस, स्टेपिस)
  • सबसे छोटी अस्थि स्टैपिस कान में पाई जाती है।


3. रीढ़ की हड्डी (Vertebral Column)

  • कुल 33 कशेरुकाएँ (Vertebrae) –


  • ग्रीवा (Cervical) – 7
  • वक्ष (Thoracic) – 12
  • कटि (Lumbar) – 5
  • त्रिकास्थि (Sacrum) – 5 (जुड़ी हुई)
  • पुच्छास्थि (Coccyx) – 4 (जुड़ी हुई)


4. पसलियाँ (Ribs)


  • कुल 24 पसलियाँ (12 जोड़े)।
  • पहले 7 जोड़े सत्य पसलियाँ (True Ribs), 
  • अगले 3 मिथ्या पसलियाँ (False Ribs)
  • अंतिम 2 अवशिष्ट पसलियाँ (Floating Ribs) कहलाती हैं।

5.हायोड अस्थि -

  •  गले में उपस्थित
  • इसकी संख्या 1 होती है।
  • इसकी आकृति U समान होती है।
  • इसे छुपी हुई अस्थि कहते है।

6.स्टार्नम

  • छाती में उपस्थित 
  • संख्या में 1 होती है।
  • खंजर के समान आकृति होती है।


7. अंगों की हड्डियाँ (Limb Bones)


  • एक हाथ में कुल 30 हड्डियां होती है।
  • ह्यूमरस (Humerus) = 1
  • रेडियस (Radius) = 1
  • अल्ना (Ulna) = 1
  • कार्पल्स (कलाई की हड्डियाँ) = 8
  • मेटाकार्पल्स = 5
  • फालेंजेस = 14


  • एक पाव में कुल 30 हड्डियां होती है।
  • फीमर (Femur – शरीर की सबसे लंबी हड्डी) = 1
  • पटेला = 1
  • टिबिया = 1
  • फिबुला = 1
  • टार्सल्स = 7
  • मेटाटार्सल्स = 5
  • फालेंजेस = 14


कंकाल तंत्र के मुख्य कार्य

1. शरीर को सहारा – यह शरीर की आकृति को बनाए रखता है।

2. अंगों की सुरक्षा – मस्तिष्क को खोपड़ी, हृदय और फेफड़ों को पसलियाँ, रीढ़ की हड्डी को कशेरुकाएँ सुरक्षा देती हैं।

3. गति व आंदोलन – मांसपेशियाँ हड्डियों से जुड़कर गति प्रदान करती हैं।

4. रक्त कोशिकाओं का निर्माण – अस्थि मज्जा (Bone Marrow) में लाल और श्वेत रक्त कोशिकाएँ बनती हैं।

5. खनिज भंडारण – कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसी खनिजों का संग्रह।


जोड़ों के प्रकार –


  1.   अचल जोड़ (Immovable) – जैसे खोपड़ी के जोड़।
  2.   अर्धचल जोड़ (Slightly Movable) – जैसे रीढ़ के कशेरुक जोड़।
  3.   चल जोड़ (Freely Movable) – जैसे कंधा, कोहनी, घुटना।


महत्वपूर्ण तथ्य (Competitive Exams के लिए उपयोगी)


  • सबसे लंबी हड्डी – फीमर (जांघ की हड्डी)।
  • सबसे छोटी हड्डी – स्टेपिस (Stapes) – कान में।
  • सबसे मजबूत हड्डी – फीमर।
  • सबसे घनी हड्डी – जबड़े की हड्डी (Mandible)।
  • हड्डियों के अध्ययन को Osteology कहते हैं।
  • हड्डियों में पाई जाने वाली मुख्य प्रोटीन – ऑसिन (Ossein)

हड्डियों से संबंधित प्रमुख रोग (Major Bone Diseases)

1. ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)

  • यह एक सामान्य हड्डी रोग है जिसमें हड्डियाँ कमजोर और भुरभुरी (Fragile) हो जाती हैं।
  • कारण: शरीर में कैल्शियम और विटामिन D की कमी।

  • लक्षण:
  • हड्डियों में दर्द
  • फ्रैक्चर का खतरा बढ़ना
  • रीढ़ की हड्डी मुड़ना

2. ऑस्टियोमलेशिया (Osteomalacia)

  • यह रोग वयस्कों में होता है जब हड्डियाँ पर्याप्त रूप से कठोर नहीं बन पातीं।
  • कारण: विटामिन D की कमी।

  • लक्षण:
  • हड्डियों में दर्द
  • मांसपेशियों में कमजोरी
  • थकान
  • बचाव: सूरज की रोशनी, दूध, अंडे और मछली का सेवन।

3. रिकेट्स (Rickets)

  • यह बच्चों में पाया जाने वाला रोग है।
  • कारण: शरीर में विटामिन D की कमी, जिससे हड्डियाँ मुलायम और टेढ़ी हो जाती हैं।

  • लक्षण:
  • टेढ़े पैर या घुटने
  • हड्डियों में दर्द
  • विकास में रुकावट
  • बचाव: पर्याप्त धूप और पौष्टिक भोजन।

4. आर्थराइटिस (Arthritis)

  • यह जोड़ो (Joints) की बीमारी है जिसमें सूजन और दर्द होता है।
  • प्रमुख प्रकार:

A. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)

B. रूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)

लक्षण:

  • जोड़ो में सूजन
  • चलने में दर्द
  • सुबह stiffness
  • बचाव: नियमित व्यायाम, वजन नियंत्रित रखना, प्रोटीन युक्त आहार।

5. ऑस्टियोमायलाइटिस (Osteomyelitis)

  • यह हड्डी में संक्रमण (Infection) से होने वाली बीमारी है।
  • कारण: बैक्टीरिया का संक्रमण (जैसे Staphylococcus aureus)।

लक्षण:

  • बुखार
  • हड्डी में दर्द और सूजन
  • मवाद निकलना
  • बचाव: संक्रमण से बचाव और समय पर उपचार।

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